Bank Rule Update: बैंकिंग क्षेत्र में फरवरी 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ेगा। इन बदलावों में न्यूनतम बैलेंस से लेकर एटीएम शुल्क तक, कई नियमों को नया रूप दिया गया है। आइए जानें इन बदलावों के बारे में विस्तार से।
न्यूनतम बैलेंस में बड़ा बदलाव
भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए खाते में रखी जाने वाली न्यूनतम राशि को बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया है, जो पहले 3,000 रुपये थी। इसी तरह पंजाब नेशनल बैंक ने भी अपनी न्यूनतम राशि को 1,000 से बढ़ाकर 3,500 रुपये कर दिया है। केनरा बैंक के ग्राहकों को अब खाते में कम से कम 2,500 रुपये रखने होंगे। यदि खाते में यह न्यूनतम राशि नहीं रखी जाती है, तो बैंक जुर्माना वसूल सकते हैं।
एटीएम लेनदेन के नए नियम
एटीएम से पैसे निकालने के नियमों में भी बदलाव किया गया है। मेट्रो शहरों में रहने वाले लोग अब महीने में केवल तीन बार ही मुफ्त में पैसे निकाल सकेंगे। इसके बाद प्रत्येक लेनदेन पर 25 रुपये का शुल्क देना होगा, जो पहले 20 रुपये था। दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर 30 रुपये का शुल्क लगेगा। नॉन-मेट्रो शहरों में यह सीमा पांच लेनदेन तक है।
कोटक महिंद्रा बैंक के नए शुल्क
कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने 811 बचत खाते में नए नियम लागू किए हैं। अब 10,000 रुपये से अधिक की मासिक नकद जमा पर प्रति 1,000 रुपये 5 रुपये का शुल्क लगेगा। एटीएम डिक्लाइन शुल्क केवल गैर-कोटक एटीएम पर 25 रुपये लगेगा। स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन फेलियर शुल्क को 200 रुपये से घटाकर 100 रुपये कर दिया गया है।
आईडीएफसी फर्स्ट क्रेडिट कार्ड में परिवर्तन
20 फरवरी से आईडीएफसी फर्स्ट क्रेडिट कार्ड में कई नए बदलाव प्रभावी होंगे। स्टेटमेंट की तारीखों में बदलाव के साथ-साथ, क्रेड और पेटीएम जैसे प्लेटफॉर्म से की जाने वाली शैक्षिक भुगतान पर नए शुल्क लागू होंगे। कार्ड बदलने पर अब 199 रुपये और उस पर लागू कर का भुगतान करना होगा।
ब्याज दरों में संभावित बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक ने पांच साल बाद रेपो दर में कटौती की है। इस कदम से बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कर्ज सस्ते हो सकते हैं। साथ ही, फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में भी बदलाव की संभावना है। रेपो दर में कमी का मतलब है कि बैंक कम लागत पर पैसा उधार ले सकेंगे, लेकिन इससे जमा दरों में भी गिरावट आ सकती है।
ग्राहकों पर प्रभाव
इन सभी बदलावों का सीधा प्रभाव बैंक ग्राहकों पर पड़ेगा। न्यूनतम बैलेंस में वृद्धि से छोटे खाताधारकों को अपने खाते में अधिक पैसे रखने होंगे। एटीएम शुल्क में बढ़ोतरी से लोगों को अपने नकद लेनदेन की बेहतर योजना बनानी होगी। क्रेडिट कार्ड के नए नियमों से कार्डधारकों को अतिरिक्त शुल्क का ध्यान रखना होगा।
बैंकिंग क्षेत्र में हुए ये बदलाव ग्राहकों को अपनी वित्तीय योजना में संशोधन करने के लिए प्रेरित करेंगे। इन नियमों की जानकारी रखना और उनके अनुसार अपनी आर्थिक गतिविधियों को नियोजित करना आवश्यक है।
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। बैंकिंग नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। कृपया नवीनतम जानकारी के लिए अपने बैंक से संपर्क करें या बैंक की आधिकारिक वेबसाइट देखें। लेखक या प्रकाशक किसी भी वित्तीय नुकसान या गलत जानकारी के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। सभी बैंकिंग लेनदेन सावधानीपूर्वक करें।