DA Hike: महंगाई भत्ता (डीए) केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह भत्ता मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने और कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बनाए रखने में मदद करता है। जनवरी 2025 से प्रभावी होने वाली महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा से लगभग एक करोड़ पंद्रह लाख परिवारों को लाभ होने की संभावना है।
नई दरों का विश्लेषण
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जिससे यह मौजूदा 53 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हो जाएगा। यह वृद्धि ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आधार पर तय की गई है। नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, महंगाई भत्ता साढ़े 55 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है।
वेतन पर प्रभाव
सातवें वेतन आयोग के तहत, जहां न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये है, वहां वर्तमान में 53 प्रतिशत डीए के साथ 9,540 रुपये अतिरिक्त मिल रहे हैं। नई दर (56 प्रतिशत) लागू होने पर यह राशि बढ़कर 10,080 रुपये हो जाएगी, जिससे प्रति माह न्यूनतम 540 रुपये की वृद्धि होगी। उच्च वेतन पाने वाले कर्मचारियों को इससे भी अधिक लाभ होगा।
घोषणा की संभावित तिथि
सरकार आमतौर पर होली और दिवाली के आसपास महंगाई भत्ते में संशोधन की घोषणा करती है। इस वर्ष होली 14 मार्च को है, और 26 फरवरी को कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है। संभावना है कि इसी बैठक में महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा की जा सकती है।
लाभार्थियों का दायरा
इस वृद्धि से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। यह वृद्धि न केवल उनकी मासिक आय को बढ़ाएगी, बल्कि पिछले महीनों के एरियर के रूप में भी अतिरिक्त लाभ प्रदान करेगी।
संशोधन की प्रक्रिया
महंगाई भत्ते का संशोधन वर्ष में दो बार किया जाता है – जनवरी और जुलाई में। जनवरी के संशोधन के लिए पिछले वर्ष के जुलाई से दिसंबर तक के आंकड़े, और जुलाई के संशोधन के लिए जनवरी से जून तक के आंकड़ों का उपयोग किया जाता है।
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। महंगाई भत्ते में वृद्धि से संबंधित सभी जानकारी सरकारी स्रोतों से ली गई है। अंतिम निर्णय और वास्तविक प्रतिशत सरकारी अधिसूचना के बाद ही मान्य होंगे। कृपया आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा करें। इस लेख में दी गई जानकारी में परिवर्तन संभव है। वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया आधिकारिक सूचनाओं की पुष्टि करें।