Bank New Rules: फरवरी 2025 से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग सेवाओं को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। ये बदलाव आम नागरिकों की दैनिक बैंकिंग गतिविधियों को प्रभावित करेंगे।
एटीएम से नकद निकासी के नए नियम
एटीएम से पैसे निकालने के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब ग्राहकों को महीने में केवल तीन निःशुल्क लेनदेन की सुविधा मिलेगी। इसके बाद प्रत्येक लेनदेन पर 25 रुपये का शुल्क देना होगा। दूसरे बैंकों के एटीएम का उपयोग करने पर 30 रुपये प्रति लेनदेन का शुल्क लागू होगा। यह कदम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
न्यूनतम शेष राशि में वृद्धि
विभिन्न बैंकों ने बचत खातों में न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता में वृद्धि की है। भारतीय स्टेट बैंक में यह राशि बढ़कर 5,000 रुपये, पंजाब नेशनल बैंक में 3,500 रुपये और केनरा बैंक में 2,500 रुपये हो गई है। निर्धारित न्यूनतम शेष राशि न रखने पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
डिजिटल बैंकिंग का विस्तार
बैंकों ने डिजिटल सेवाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाया है। नई सुरक्षा विशेषताओं के साथ, ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग को और अधिक सुरक्षित बनाया गया है। डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए कैशबैक और अन्य प्रोत्साहन योजनाएं भी शुरू की गई हैं।
ब्याज दरों में परिवर्तन
बचत खातों पर मिलने वाली ब्याज दरों में भी बदलाव किया गया है। अब बचत खातों पर 3.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों को 0.5 प्रतिशत का अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। यह कदम लोगों को अधिक बचत करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
यूपीआई लेनदेन में नए नियम
यूपीआई भुगतान प्रणाली में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। अब लेनदेन आईडी में केवल अक्षर और अंक का प्रयोग किया जा सकेगा। विशेष चिह्नों वाली लेनदेन आईडी स्वीकार नहीं की जाएगी। यह बदलाव डिजिटल भुगतान को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए किया गया है।
दैनिक लेनदेन सीमा
कोटक महिंद्रा बैंक ने एटीएम से दैनिक नकद निकासी की सीमा 50,000 रुपये निर्धारित की है। बैंक ने विभिन्न सेवाओं के लिए अलग-अलग शुल्क भी निर्धारित किए हैं। यह नियम बैंकिंग लेनदेन को अधिक सुरक्षित और नियंत्रित बनाने के लिए लागू किया गया है।
ग्राहकों पर प्रभाव
इन बदलावों का सीधा प्रभाव आम नागरिकों की जेब पर पड़ेगा। एटीएम शुल्क में वृद्धि और न्यूनतम शेष राशि की बढ़ी हुई आवश्यकता से लोगों को अपनी बैंकिंग आदतों में बदलाव करना होगा। हालांकि, बढ़ी हुई ब्याज दरें और डिजिटल सेवाओं में सुधार से ग्राहकों को लाभ भी होगा।
भविष्य की दिशा
ये बदलाव भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इनका उद्देश्य बैंकिंग को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाना है। ग्राहकों को इन बदलावों के अनुरूप अपनी बैंकिंग आदतों को अपडेट करना होगा और डिजिटल भुगतान विकल्पों का अधिक उपयोग करना होगा।
फरवरी 2025 से लागू होने वाले ये बैंकिंग नियम भारतीय वित्तीय क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत हैं। यद्यपि कुछ बदलाव ग्राहकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से ये बदलाव बैंकिंग को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने में मदद करेंगे। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे इन बदलावों के बारे में जानकारी रखें और अपनी बैंकिंग गतिविधियों को तदनुसार नियोजित करें।
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। कृपया नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए अपने बैंक या भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से संपर्क करें। नियम और शर्तें समय-समय पर परिवर्तित हो सकती हैं।